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नव परिवर्तनों के दौर में हिंदी ब्लॉगिंग

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नव परिवर्तनों के दौर में हिंदी ब्लॉगिंग निश्चित रूप से हिंदी के पक्ष में एक सकारात्मक पहल है ! चूँकि आज का समय संचार क्रांति का बहुत बड़ा साक्षी है तथा भारत का युवा वर्ग इस क्रांति का वाहक है तथा “इन्टरनेट” सहज प्रखर औजार के रूप में कार्यरत है! हिंदी ब्लॉग निसंदेह अभी अपने आरंभिक चरण में ही है पर समय के साथ निश्चित रूप से इसकी सर्व ग्राह्यता एवं गुणवत्ता बहुत अधिक बढेगी ! हिंदी सरल एवं सहज भाषा होने के कारण,पाठक के दिमाग तक न रुक कर ,किसी भी बात को सीधे ह्रदय तक पहुंचाती है !

हमारे यहाँ पर “कंप्यूटर शिक्षा ” को हर स्तर पर अनिवार्य कर दिया गया है जो वास्तव में अच्छा प्रभावशाली कदम है ! इसी लिए सामान्यतया भारत वर्ष में किसी को इंग्लिश का अच्छा ज्ञान हो या न हो किन्तु “कंप्यूटर” ज्ञान होने के कारण वह हिब्न्दी भाषा में अपने विचारों का आदान प्रदान सहज रूप में विशाल स्तर पर कर सकता है !इसके साथ ही जैसे हमें आज की स्थिति में यह आभास होता है कि केवल अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान रखने वाले ही कंप्यूटर पर सफलता के साथ अपना काम कर पाते हैं या सही बात कह पाते हैं! समय के साथ साथ यह मिथक टूटेगा और एक बहुत बड़ा हिंदी भाषी वर्ग इससे जुड़ कर सर्वव्यापी और सर्वग्राही बनेगा क्यूंकि कि विचारों की शक्ति भाषाओँ के बंधन तोड़ डालेगी !

विभिन्न भाषों एवं बोलियों वाले हमारे भारत वर्ष में सहज अभिव्यक्ति का सरस माध्यम हिंदी ही है तथा इस में भिन्न भिन्न स्थानों की स्थानीय बोली के प्रचलित शब्द एवं लहजे हिंदी में और रस घोल कर अधिक ह्रदयग्राही बना लेते हैं ! हिंदी विभिन्न वर्जनाओं को तोडती हुई, वभिन्न भाषाओँ के प्रचिलित शब्दों को अपने अंतर में समाहित कर और अधिक सुद्र्ड नज़र आती है ,और यह विशेषता हिंदी को एक कदम आगे ही बढाती है इसीलिए ब्लॉगिंग की दुनिया में आगे चल कर हिंदी अपना वर्चस्व स्थापित करने की शक्ति रखती है !

“हिंदी ब्लॉगिंग” में किसी भी स्थिति विशेष में , केवल दूर से देख कर अपनी राय रखने वाले लोगों के विचारों के अलावा वह लोग भी सहज शामिल होंगे जो उस स्थिति विशेष के साक्षी हैं या सहचर हैं या फिर समकालीन हैं इस लिए किसी भी स्थिति विशेष का विश्लेषण अधिक व्यापक, तार्किक एवं मान्य हो पायेगा !

हिंदी ब्लॉगिंग अभी अपने आरम्भिक चरण में ही है और अभी अधिकांशत: “नया युवा वर्ग, जो कि कंप्यूटर युग का प्रतीक बन चुका है,” इस में अधिक सक्रिय है! जब प्रबुद्ध विद्वान अपनी सक्रिय सहज लेखनी एवं विचार शक्ति के साथ इस में जुड़ेंगे तब वास्तव में “हिंदी ब्लॉगिंग ” अपने सुद्रढ़ स्तर में दृष्टिगत होगी ! फिर चाहे इस में थोडा सा “हिंगलिश” स्वरुप का छींटा लगा हो तब भी “हिंदी के मान” की सर्वव्यापकता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा ! जो वर्ग स्वयं को हिंदी से जोड़ने में असमर्थ पाता है वह भी धीरे धीरे इस के माध्यम से स्वयं अधिक प्रभावशाली ढंग से जुड़ जायेगा !
अत: नवपरिवर्तनों के दौर में हिंदी ब्लॉगिंग एक सकारात्मक पहल है !

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